Raat Ka Paryayvachi Shabd :- हेलो दोस्तों आज के पोस्ट मई हम आप को रात का पर्यायवाची शब्द के बारे मै बताएंग। “रात्रि”. रात, जो कि दिन के बाद की अवधि होती है, का आदिकाल से ही मान्यता रहा है। हिन्दी भाषा में रात को “रात्रि” कहा जाता है। यह शब्द संस्कृत शब्द “रात्रि” से आया है। रात्रि शब्द का अर्थ होता है “अंधकार का समय”।
रात्रि एक ऐसा समय होता है जब सूर्य की किरणें पूरी तरह से गायब हो जाती हैं और अंधकार छानने लगता है। यह वह समय होता है जब लोग अपने घरों में आराम करने के लिए जाते हैं और नींद की गोद में सो जाते हैं। रात्रि एक शांत और शांतिपूर्ण समय होता है जब लोग अपने दैनिक कार्यों से आराम करते हैं और पुराने समयों की यादें ताजगी से याद करते हैं।
Raat Ka Paryayvachi Shabd
आज हम बात कर ने जा रहे है Raat Ka Paryayvachi Shabd की। हाँ, आपने सही सुना, रात के पर्यायवाची शब्दों की। क्या आपके दिमाग में भी यही सवाल उठा है कि इतने सारे पर्यायवाची शब्द क्यों होते हैं रात के लिए? शायद रात इतनी रोमांचक होती है कि उसके लिए एक ही शब्द से काम नहीं चलता।
चलिए, शुरू करते हैं रात के पर्यायवाची शब्दों की यह धमाकेदार यात्रा। पहला शब्द है “रात्रि”। हाँ, आपने सही समझा, यह शब्द है रात का पर्यायवाची शब्द। अगर आप इस शब्द को सही ढंग से उच्चारण कर पाएं, तो आपके दोस्त आपकी तारीफ करने से नहीं रुकेंगे।
50 + Raat Ka Paryayvachi Shabd
सिता | कोटर |
क्षया | दोषा |
शर्वरी | निशीथ |
निशीथिनी | त्रिशमा |
यामिनी | क्षणढा |
विमाचरी | अमावस्या |
विभावरी | रजीन |
राका | क्षपा |
रात्रि | शाम |
अंधेरा | संध्या |
निशा | अंधकार |
निशि | रैन |
कादंबरी | क्षणदा |
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रात के पर्यायवाची शब्दों का वाक्य में प्रयोग
आओ चलो अब हम Raat Ka Paryayvachi Shabd को वाक्ये मै प्रयोग करे कभी ऐसा लगा है कि Raat Ka Paryayvachi Shabd का वाक्य में प्रयोग करना एक दुष्ट चुटकुला हो सकता है? हां, मैं जानता हूँ कि यह कुछ अजीब लग सकता है, लेकिन वास्तव में यह बहुत मजेदार हो सकता है।
चलिए, एक छोटी सी कहानी से शुरू करते हैं। एक बार एक आदमी रात को अपने दोस्त के घर गया। वहाँ पहुँचकर उसने दरवाजा खटखटाया और दरवाजा खोलने वाले ने पूछा, “कौन है?” उसने कहा, “मैं हूँ, रात हूँ!” दरवाजा खोलने वाले को थोड़ी देर तक समझ नहीं आया कि क्या हुआ है, फिर उसने एक दूसरी बार पूछा, “कौन है?” और उसने फिर से कहा, “मैं हूँ, रात हूँ!” इस बार दरवाजा खोलने वाले को समझ आ गया कि यह उसका दोस्त है और उसने दरवाजा खोल दिया।
- रात को जब मैं सो रहा था, मेरी नींद में एक अंधेरा आया।
- मुझे रात के अंधेरे में अकेले जाना नहीं पसंद है।
- रात में जब चाँद नहीं निकलता, तब मुझे अच्छी नींद नहीं आती।
- जब मैं रात में जागता हूँ, तो मुझे नींद की बजाय अंधेरे का साथ मिलता है।
- रात के अंधेरे में जब दुनिया सो जाती है, तब मैं उठकर अपनी कामियाँ पूरी करता हूँ।
इन वाक्यों को पढ़कर आप भी यकीन करेंगे कि रात के पर्यायवाची शब्दों का उपयोग वाक्य में करने से वाक्य और भी मजेदार बन जाते हैं। तो अगली बार जब आप रात के बारे में सोचेंगे, तो याद रखें कि इसके पर्यायवाची शब्द भी होते हैं।
तो दोस्तों मै आशा करता हु की आप को ये पोस्ट अच्छी लगी होंगी और इस पोस्ट की माध्यम से आप को कुछ न कुछ सिखने को जरूर मिला होग। अगर आप को इस ब्लॉग मै कुछ परेशानी आयी हो तो आप कमेंट मै आप पूछ सकते हो।